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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 गृह विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :200
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2783
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 गृह विज्ञान - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- ग्रामीण विकास में गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का महत्व समझाइये।

उत्तर -

गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का महत्व
(Importance of Home Science Extension Education)

गृह विज्ञान प्रसार निम्नलिखित उद्देश्यों की पूर्ति कर अपने महत्व को स्पष्ट करती हैं-

(1) कार्यकुशलता का विकास - गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के अन्तर्गत गृह सम्बन्धी विभिन्न क्रिया-कलापों की वैज्ञानिक जानकारी प्रदान की जाती है जिससे परम्परागत कार्य- पद्धतियों में परिवर्तन आता है। फलस्वरूप ग्रामीण महिलाओं की कार्यकुशलता का विकास होता है।

(2) संतोष की भावना का विकास - गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के द्वारा जब ग्रामीण महिलाएँ स्वयं करके सीखती हैं और सीखने के बाद सकारात्मक लाभ प्राप्त करती हैं तो उनके अन्दर सन्तोष की भावना का विकास होता है। यह भावना उन्हें और अधिक आगे सीखने के लिए प्रेरित करती है।

(3) परिवार का सर्वांगीण विकास - गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का मूल उद्देश्य परिवार कल्याण है। इसके द्वारा पारिवारिक जीवन की समस्याओं व पहलुओं का अध्ययन कर समाधान प्रस्तुत किया जाता है। मातृ एवं बाल कल्याण, आहार एवं पोषण विज्ञान, कृषि तथा उद्योग, प्रसार, स्वास्थ्य वं स्वच्छता, गृह-व्यवस्था तथा गृह-प्रबन्ध, वस्त्र विज्ञान आदि सभी विषयों को इसमें सम्मिलित किया जाता है और परिवार के सर्वांगीण विकास हेतु वैज्ञानिक व तकनीकी ज्ञान प्रस्तुत किया जाता है।

(4) आत्मनिर्भरता तथा आत्मविश्वास की भावना का विकास - गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा 'करके सीखने' की शिक्षा है। अतः जब गृहिणी स्वयं करके सीखती है तो उसमें आत्मविश्वास की भावना आती है। धीरे-धीरे वह स्वयं कार्यकुशल हो जाती है। अपनी इस कार्यकुशलता को वह अपनी आय का साधन बनाकर आत्मनिर्भर बन सकती है; जैसे - वस्त्र विज्ञान के अन्तर्गत उन्हें वस्त्रों की सिलाई के बारे में बताया जाता है जब गृहिणी स्वयं अपने परिवारजनों के लिए वस्त्र की सिलाई करती है तो सिलाई पर होने वाले व्यय को बचा सकती है तथा सिलाई कार्य में दक्ष होने पर इसे अपनी आय का साधन भी बना सकती है।

(5) कलात्मक अभिव्यक्ति का विकास - गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा ग्रामीण महिलाओं में कलात्मक अभिरुचियों का निर्माण व विकास करती है। गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के द्वारा महिलाओं को गृह स्वच्छता, सजावट, सुव्यवस्था तथा उत्तम संचालन के विषय में जानकारी प्रदान की जाती है जिनका अनुपालन करने पर महिलाओं की कलात्मक अभिव्यक्ति का विकास होता है।

(6) उत्तरदायित्व की भावना का विकास - गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा ग्रामीण महिलाओं को पारिवारिक उत्तरदायित्वों के प्रति जागरूक बनाती है। परिवार के प्रति कर्तव्य और उत्तरदायित्व की भावना का विकास होने पर ही वे अपने कर्तव्यों को पूर्ण करने की ओर अग्रसर होती हैं। जैसे उनमें एक आम धारणा होती है कि बच्चे ईश्वर की देन हैं। अतः वे परिवार नियोजन के कृत्रिम साधनों को नहीं अपनाना चाहतीं लेकिन जब उन्हें सीमित परिवार और सन्तानों के प्रति उत्तरदायित्वों का बोध कराया जाता हैं तो वे इस ओर स्वयं प्रेरित होती हैं।

(7) स्वास्थ्य सम्बन्धी अच्छी आदतों का विकास - प्रसार शिक्षा परिवर्तन पर आधारित शिक्षा है। परिवर्तन के दौरान कमियों को समाप्त कर सकारात्मक परिवर्तन का प्रयास किया जाता है जिससे गृहिणी तथा परिवार के सदस्यों में अच्छी आदतों का विकास होता है। जैसे— पर्यावरणीय स्वच्छता, शारीरिक स्वच्छता आदि के महत्व के द्वारा उनमें अच्छी आदतों का विकास किया जाता है।

(8) स्वस्थ सामाजिक रीति-रिवाजों और मूल्यों का विकास - गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा ग्रामीण जीवन की शिक्षा है। ग्रामीण व्यक्ति अपने रीति-रिवाजों, मूल्यों और परम्पराओं से इतनी गहराई तक जुड़े होते हैं कि इन रीति-रिवाजों को पूरा करने के लिए वे अपने धन का अपव्यय करते हैं। प्रसार शिक्षा ग्रामीणों के सामाजिक व सांस्कृतिक मूल्यों को सम्मान देते हुए कुछ सामाजिक कुरीतियों व रीति-रिवाजों जैसे - दहेज प्रथा, मृत्युभोज आदि को समाप्त करने और स्वस्थ सामाजिक व सांस्कृतिक मूल्यों का विकास करने का प्रयास करती हैं।

(9) वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास - गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं तक वैज्ञानिक ज्ञान को पहुँचाना है ताकि वे अपनी दैनिक क्रियाओं को वैज्ञानिक ढंग से सम्पन्न कर सकें और कार्य करने के स्वस्थ्य तरीकों का विकास कर सकें। वैज्ञानिक सोच के आधार पर कार्य करने से ग्रामीण महिलाओं में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है जिससे वे पारिवारिक समस्याओं का निराकरण वैज्ञानिक दृष्टिकोण के आधार पर करने में सफल होती हैं।

(10) संसाधनों का उपयोग और विकास - गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा उपलब्ध संसाधनों पर आधारित शिक्षा है। यह ग्रामीण महिलाओं को अपने उपलब्ध संसाधनों को पूर्ण उपभोग करना तथा विकास करना बताती है। जैसे उपलब्ध संसाधनों द्वारा ही परिवार के लिए किस प्रकार सन्तुलित व पौष्टिक आहार का आयोजन करें। फलों के छिलकों को मोटा न छीलें, दालें जो कि प्रोटीन से भरपूर हैं उनके विविध व्यंजन बनाकर परिवार के सदस्यों की वृद्धि व विकास में योगदान दें। घर में जानवर हैं तो उनके गोबर से अच्छी कम्पोस्ट खाद बनायें या गोबर गैस प्लाण्ट लगायें।

इस प्रकार प्रसार शिक्षा उपलब्ध संसाधनों की खोज तथा उनके अधिकतम विकास में सहायता प्रदान करती है।

इस प्रकार गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा द्वारा उन व्यक्तियों को ज्ञान प्रदान किया जाता है, विचार शक्ति का विकास किया जाता है, जो विद्यालयों में किन्हीं कारणों से नहीं आ पाते हैं परन्तु उन्हें उस ज्ञान की अत्यन्त आवश्यकता है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- सामुदायिक विकास से आप क्या समझते हैं? सामुदायिक विकास कार्यक्रम की विशेषताएँ बताइये।
  2. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना का क्षेत्र एवं उपलब्धियों का वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के उद्देश्यों को विस्तारपूर्वक समझाइए।
  4. प्रश्न- सामुदायिक विकास की विधियों को समझाइये।
  5. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  6. प्रश्न- सामुदायिक विकास की विशेषताएँ बताओ।
  7. प्रश्न- सामुदायिक विकास के मूल तत्व क्या हैं?
  8. प्रश्न- सामुदायिक विकास के सिद्धान्त बताओ।
  9. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम की सफलता हेतु सुझाव दीजिए।
  10. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम क्या है?
  11. प्रश्न- सामुदायिक विकास योजना संगठन को विस्तार से समझाइए।
  12. प्रश्न- सामुदायिक संगठन से आप क्या समझते हैं? सामुदायिक संगठन को परिभाषित करते हुए इसकी विभिन्न परिभाषाओं का वर्णन कीजिए।
  13. प्रश्न- सामुदायिक संगठन की विभिन्न परिभाषाओं के आधार पर तत्त्वों का वर्णन कीजिए।
  14. प्रश्न- सामुदायिक संगठन के विभिन्न प्रकारों को स्पष्ट कीजिए।
  15. प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन की सैद्धान्तिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालिये।
  16. प्रश्न- सामुदायिक संगठन के विभिन्न उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
  17. प्रश्न- सामुदायिक संगठन की आवश्यकता क्यों है?
  18. प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन के दर्शन पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
  19. प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
  20. प्रश्न- सामुदायिक विकास प्रक्रिया के अन्तर्गत सामुदायिक विकास संगठन कितनी अवस्थाओं से गुजरता है?
  21. प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन की विशेषताएँ बताइये।
  22. प्रश्न- सामुदायिक संगठन और सामुदायिक विकास में अंतर स्पष्ट कीजिए।
  23. प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन और सामुदायिक क्रिया में अंतर बताइये।
  24. प्रश्न- सामुदायिक विकास संगठन के प्रशासनिक ढांचे का वर्णन कीजिए।
  25. प्रश्न- सामुदायिक विकास में सामुदायिक विकास संगठन की सार्थकता एवं भूमिका का वर्णन कीजिए।
  26. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा से आप क्या समझते हैं? गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का क्षेत्र समझाइये।
  27. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के उद्देश्यों का विस्तार से वर्णन कीजिये।
  28. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा की विशेषताएँ समझाइयें।
  29. प्रश्न- ग्रामीण विकास में गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा का महत्व समझाइये।
  30. प्रश्न- गृह विज्ञान प्रसार शिक्षा के क्षेत्र, आवश्यकता एवं परिकल्पना के विषय में विस्तार से लिखिए।
  31. प्रश्न- समेकित बाल विकास सेवा (ICDS) कार्यक्रम को विस्तार से समझाइए।
  32. प्रश्न- स्वर्ण जयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना के बारे में बताइए।
  33. प्रश्न- राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) पर एक टिप्पणी लिखिये।
  34. प्रश्न- राष्ट्रीय सेवा योजना (N.S.S.) पर टिप्पणी लिखिये।
  35. प्रश्न- नेहरू युवा केन्द्र संगठन का परिचय देते हुए इसके विभिन्न कार्यक्रमों का वर्णन कीजिए।
  36. प्रश्न- नेहरू युवा केन्द्र पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।
  37. प्रश्न- कपार्ट एवं गैर-सरकारी संगठन की विकास कार्यक्रम में महत्वपूर्ण घटक की भूमिका निभाते हैं? विस्तृत टिप्पणी कीजिए।
  38. प्रश्न- बाल कल्याण से सम्बन्ध रखने वाली प्रमुख संस्थाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- हेल्प एज इण्डिया के विषय में आप क्या जानते हैं? यह बुजुर्गों के लिए किस प्रकार महत्वपूर्ण है? प्रकाश डालिए।
  40. प्रश्न- संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) से आप क्या समझते हैं? इसके कार्यों व महत्व पर प्रकाश डालिये।
  41. प्रश्न- बाल विकास एवं आप (CRY) से आप क्या समझते हैं? इसके कार्यों एवं मूल सिद्धान्तों पर प्रकाश डालिए।
  42. प्रश्न- CRY को मिली मान्यता एवं पुरस्कारों के विषय में बताइए।
  43. प्रश्न- बाल अधिकार का अर्थ क्या है?
  44. प्रश्न- बच्चों के लिए सबसे अच्छा एनजीओ कौन-सा है?
  45. प्रश्न- राष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस कब मनाया जाता है?
  46. प्रश्न- नेतृत्व से आप क्या समझते है? नेतृत्व की प्रमुख विशेषताओं का विश्लेषण कीजिये।
  47. प्रश्न- नेतृत्व के विभिन्न प्रारूपों (प्रकारों) की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  48. प्रश्न- नेतृत्व प्रशिक्षण से आप क्या समझते हैं? इसके महत्व पर प्रकाश डालिए।
  49. प्रश्न- नेतृत्व प्रशिक्षण की प्रमुख प्रविधियों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  50. प्रश्न- कार्यस्थल पर नेताओं की पहचान करने की विधियों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  51. प्रश्न- ग्रामीण क्षेत्रों में कितने प्रकार के नेतृत्व पाए जाते हैं?
  52. प्रश्न- परम्परागत ग्रामीण नेतृत्व की विशेषताएँ बताइये।
  53. प्रश्न- नेतृत्व प्रशिक्षण को किन बाधाओं का सामना करना पड़ता है?
  54. प्रश्न- नेतृत्व की प्रमुख विशेषताओं को बताइए।
  55. प्रश्न- नेतृत्व का क्या महत्व है? साथ ही नेतृत्व के स्तर को बताइए।
  56. प्रश्न- नेतृत्व प्रशिक्षक से आप क्या समझते हैं? एक नेतृत्व प्रशिक्षक में कौन-से गुण होने चाहिए? संक्षेप में बताइए।
  57. प्रश्न- एक अच्छा नेता कैसा होता है या उसमें कौन-से गुण होने चाहिए?
  58. प्रश्न- एक अच्छा नेता कैसा होता है या उसमें कौन-से गुण होने चाहिए?
  59. प्रश्न- विकास कार्यक्रम का अर्थ स्पष्ट करते हुए विकास कार्यक्रम के मूल्यांकन में विभिन्न भागीदारों के महत्व का वर्णन कीजिए।
  60. प्रश्न- विकास कार्यक्रम चक्र को विस्तृत रूप से समझाइये | इसके मूल्यांकन पर भी प्रकाश डालिए।
  61. प्रश्न- विकास कार्यक्रम तथा उसके मूल्यांकन के महत्व का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- सामुदायिक विकास कार्यक्रम के प्रमुख घटक क्या हैं?
  63. प्रश्न- कार्यक्रम नियोजन से आप क्या समझते हैं?
  64. प्रश्न- कार्यक्रम नियोजन की प्रक्रिया का उदाहरण सहित विस्तृत वर्णन कीजिए।
  65. प्रश्न- अनुवीक्षण / निगरानी की विकास कार्यक्रमों में क्या भूमिका है? टिप्पणी कीजिए।
  66. प्रश्न- निगरानी में बुनियादी अवधारणाएँ और तत्वों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  67. प्रश्न- निगरानी के साधन और तकनीकों का तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
  68. प्रश्न- मूल्यांकन डिजाइन (मूल्यांकन कैसे करें) को समझाइये |
  69. प्रश्न- मूल्यांकन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा कीजिए।
  70. प्रश्न- मूल्यांकन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- निगरानी का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  72. प्रश्न- निगरानी के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- निगरानी में कितने प्रकार के सूचकों का प्रयोग किया जाता है?
  74. प्रश्न- मूल्यांकन का अर्थ और विशेषताएँ बताइये।
  75. प्रश्न- निगरानी और मूल्यांकन के बीच अंतर लिखिए।
  76. प्रश्न- मूल्यांकन के विभिन्न प्रकारों को समझाइये।

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